कि राज दिल का उसको, कभी बता नहीं सके
कि राज दिल का उसको, कभी बता नहीं सके।
याद आ गई कोई बात, खुद को झुका नहीं सके।।
कि राज दिल का उसको—————–।।
रहे अब तक हम हरदम,जिसके ख्यालों में खोये।
ख्वाब जो उसके बनाये, उसको दिखा नहीं सके।।
कि राज दिल का उसको—————-।।
बहाये आँसू बहुत भी, उसको रोते जब देखा।
रहे तड़पते हम खुद, दर्द हम बता नहीं सके।।
कि राज दिल का उसको——————।।
ऐसा नहीं कि उसको, नहीं हो मेरी खबर कुछ।
रहे करीब बहुत उसके, अपना बना नहीं सके।।
कि राज दिल का उसको——————-।।
यकीन करले मुझ पर, उसको लिखे खत पढ़कर।
उस लिखे बहुत नगमें, उसको सुना नहीं सके।।
कि राज दिल का उसको——————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर – 9571070847