किस्सा – बीजा सोरठ
मास्टर श्रीनिवास शर्मा की ग्रन्थावली से यह रागनी
किस्सा – बीजा – सोरठ
वार्ता – जब राजा जैसलदे उस परी को अपने साथ ले आता है तो इस पर सभी नगर में चर्चा होने लगती है ।
तो एक बात के द्वारा सभी नगर वासी एक दूसरे से क्या कहते हैं ।
जवाब – नगर वासियों का
राजा जैसलदे ल्यारहा सै एक बहू तोड़ की ।
पूरे जग में नहीं मिलै कोए उसके जोड़ की ।। टेक
१ . चलो चाल कै देखां , पलके , लगैं शरीर में
घायल होकै लोग पडैं सैं जैसे तीर में
ऐसी चालै चाल जणूं , मुरगाई नीर में
किसे चीज की कसर नहीं उस अद्भुत बीर में
इसी हूर ना मिलै दिए तैं कोड़ करोड़ की ।।
२ . देखे तैं मन भरता ना इसी बीर खास सै
बार – बार जणूं देखें जावां , यही आस सै
नार सुरग की आई सै भू पै , होया बास सै
हंसणी फ़ंसगी कागां में , यो उठ्या नाश सै
जणूं जीत कै ल्याया राजा , बाजी होड़ की ।।
३ . इतणी सुथरी औरत ना और शहर गाम में
टोहे तैं भी पावै कोना इसी जग तमाम में
भाज कै नै देखण चालो क्यूं बिचले काम में
सस्ते भा मैं बहू मिली , बिन कोड़ी दाम में
भात की भी ना पड़ी जरूरत नाहे मोड़ की ।।
४ . सब जीवां कै पछली करणी आगै अड़ै सै
करणीये कारण घरां किसे कै बहू बड़ै सै
करणी तैं फल पाकै सै और करणी तैं झड़ै सै
लाखण माजरे में श्रीनिवास शर्मा छंद घड़ै सै
करणी तैं या जात्य मिली सै ब्राह्मण गौड़ की ।।
टाइपकर्ता – कपीन्द्र शर्मा
फोन नं० – 8529171419
©® Sn Sharma