किस्सा फिर वही पुराना………………
नया नया था अपना याराना,
हुआ बहुत पुराना सा लगता है
कल तक जताते थे वो अपनापन
आज बीता जमाना सा लगता है
इतनी जल्दी दिल भर जाएंगे
सोचा न था ………………….!
मगर क्या कहे……………….!
ये किस्सा फिर वही पुराना लगता है !!
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डी. के. निवातियाँ __________@