“किसे कहूँ मालिक?”
“किसे कहूँ मालिक?”
किसे कहूँ मालिक यहाँ पर
हर कोई लगते नौकर,
किसी का सिर न उठा दिखा
सब नौकर के नौकर।
ढूँढ़ते-ढूँढ़ते थक गए हम
कहीं न दिखा राजा,
नाचते गाते सब दिखे पर
कोई डंका न बाजा।
“किसे कहूँ मालिक?”
किसे कहूँ मालिक यहाँ पर
हर कोई लगते नौकर,
किसी का सिर न उठा दिखा
सब नौकर के नौकर।
ढूँढ़ते-ढूँढ़ते थक गए हम
कहीं न दिखा राजा,
नाचते गाते सब दिखे पर
कोई डंका न बाजा।