“ किसी को किसी की खबर ही नहीं “
डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
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सब लोग यहाँ अपनो में गुम हैं ,
किसी को किसी की खबर ही नहीं !
ना कोई किसी को याद करता है ,
किसी को किसी पर यकीन ही नहीं !!
हम किन्हीं को जानते नहीं ,
ना उन्हें हम पहचानते हैं !
फिर भी उनकी तस्वीरों को ,
अपने सीनों से लगा रखते हैं !!
भीड़ में रहते हुए भी हम ,
बिरानों के खौफ को भूलते ही नहीं !
ना कोई किसी को याद करता है ,
किसी को किसी पर यकीन ही नहीं !!
बातें कभी किसी से कौन करे ?
अपनी उपलब्धियों को सिर्फ बताते हैं !
आप सुने या ना सुने हमको ,
हम रह -रह के अपनी तस्वीर दिखाते हैं !!
मन की बातें हम रोज करते हैं ,
औरों के विषय में कभी सोचा ही नहीं !
ना कोई किसी को याद करता है ,
किसी को किसी पर यकीन ही नहीं !!
देशद्रोहियों को पुरस्कार मिलते हैं ,
देश भक्तों को तिरस्कार मिलते हैं !
आजादी के सपूतों को भुलाकर हम ,
उनकी रूहों को देश में बेज़ार करते हैं !!
मयस्सर कहाँ सम्मान उनको ?
हम उन्हें फिर कभी पहचानते ही नहीं !
ना कोई किसी को याद करता है ,
किसी को किसी पर यकीन ही नहीं !!
सब लोग यहाँ अपनो में गुम हैं ,
किसी को किसी की खबर ही नहीं !
ना कोई किसी को याद करता है ,
किसी को किसी पर यकीन ही नहीं !!
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डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
नाग पथ
शिव पहाड़
दुमका
04. 12. 2021.