किसी के गम में आंसू
किसी के गम में आंसू बहाकर तो देखो
रोता मिले जो कोई हंसाकर तो देखो
तुम्हें यह दिल्लगी भूल जानी ही पड़ेगी
शिकस्ता दिलों को पास बिठाकर तो देखो
जीत ही जीत मिलेगी फिर तो हर क़दम पर
कभी खुद से खुद को हराकर तो देखो
हकीकत नहीं कि यह दुनिया है सारी गलत
गिरेबां में नज़रों को झुकाकर तो देखो
यह भी है तरीका गुनाहों से माफी का
पशेमानी के आंसू बहाकर तो देखो
सब अपने ही है और अपने ही रहेंगे
तअस्सुब के चश्मे को हटाकर तो देखो
रब हो गया अगर राज़ी, समझो सब राजी
टूटे दिलों को हिम्मत बंधाकर तो देखो
चमकेगा यकीनन खुद ही नाम दुनिया में
हस्ती को अपनी ज़रा मिटाकर तो देखो