Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Sep 2022 · 1 min read

किसने सोचा था कि

रेलवे से लेकर एअरपोर्ट तक
सब कुछ बिक जाएगा!
अपने देश में बेरोज़गारी का
रिकार्ड टूट जाएगा!!
आख़िर किसने सोचा था कि
ऐसा दिन भी आएगा!
किसान से लेकर विद्यार्थी तक
हर कोई पिट जाएगा!!
#जातीय #लाठीचार्ज #अपराध #दलित
#उत्पीड़न #महंगाई #दमन #अत्याचार
#आदिवासी #Corruption #निजीकरण

Language: Hindi
1 Like · 112 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
स्वीटी: माय स्वीट हार्ट
स्वीटी: माय स्वीट हार्ट
Shekhar Chandra Mitra
भारत हमारा
भारत हमारा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
💐प्रेम कौतुक-555💐
💐प्रेम कौतुक-555💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
संस्कारों और वीरों की धरा...!!!!
संस्कारों और वीरों की धरा...!!!!
Jyoti Khari
LALSA
LALSA
Raju Gajbhiye
आज की प्रस्तुति: भाग 4
आज की प्रस्तुति: भाग 4
Rajeev Dutta
कुछ पाने के लिए
कुछ पाने के लिए
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बलात-कार!
बलात-कार!
अमित कुमार
फितरते फतह
फितरते फतह
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
उससे मिलने को कहा देकर के वास्ता
उससे मिलने को कहा देकर के वास्ता
कवि दीपक बवेजा
मुख अटल मधुरता, श्रेष्ठ सृजनता, मुदित मधुर मुस्कान।
मुख अटल मधुरता, श्रेष्ठ सृजनता, मुदित मधुर मुस्कान।
रेखा कापसे
तुकबन्दी अब छोड़ो कविवर,
तुकबन्दी अब छोड़ो कविवर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
#शुभ_दीपोत्सव
#शुभ_दीपोत्सव
*Author प्रणय प्रभात*
लत / MUSAFIR BAITHA
लत / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
যখন হৃদয় জ্বলে, তখন প্রদীপ জ্বালানোর আর প্রয়োজন নেই, হৃদয়ে
যখন হৃদয় জ্বলে, তখন প্রদীপ জ্বালানোর আর প্রয়োজন নেই, হৃদয়ে
Sakhawat Jisan
*सुबह हुई तो गए काम पर, जब लौटे तो रात थी (गीत)*
*सुबह हुई तो गए काम पर, जब लौटे तो रात थी (गीत)*
Ravi Prakash
लगाव का चिराग बुझता नहीं
लगाव का चिराग बुझता नहीं
Seema gupta,Alwar
वक्त लगता है
वक्त लगता है
Vandna Thakur
2366.पूर्णिका
2366.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
लिख लेते हैं थोड़ा-थोड़ा
लिख लेते हैं थोड़ा-थोड़ा
Suryakant Dwivedi
किस दौड़ का हिस्सा बनाना चाहते हो।
किस दौड़ का हिस्सा बनाना चाहते हो।
Sanjay ' शून्य'
क्या क्या बताए कितने सितम किए तुमने
क्या क्या बताए कितने सितम किए तुमने
Kumar lalit
मैं तेरे अहसानों से ऊबर भी  जाऊ
मैं तेरे अहसानों से ऊबर भी जाऊ
Swami Ganganiya
सब विश्वास खोखले निकले सभी आस्थाएं झूठीं
सब विश्वास खोखले निकले सभी आस्थाएं झूठीं
Ravi Ghayal
अंतिम क्षण में अपना सर्वश्रेष्ठ दें।
अंतिम क्षण में अपना सर्वश्रेष्ठ दें।
Bimal Rajak
कब टूटा है
कब टूटा है
sushil sarna
"फितरत"
Ekta chitrangini
दीपों की माला
दीपों की माला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"लक्षण"
Dr. Kishan tandon kranti
फितरत
फितरत
Surya Barman
Loading...