किन पापों की सजा
बिना किसी ठोस कारण
किसी को तकलीफ देते रहना
उसे नुकसान पहुंचाते रहना
उसका दर्द बढ़ाते रहना
यह कहां की इंसानियत है
धर्म है
कर्म है
ऐ इंसान तू जो भी पाप
कर रहा है
ईश्वर तुझे हर समय देख रहा है
फिर कुछ अकस्मात
बुरा घटित हुआ न
किसी रोज जो तेरे साथ तो
यह मत कहना कि
मैंने तो कभी किसी का बुरा
किया ही नहीं
यह भगवान ने मुझे फिर किन पापों की
सजा दी है।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001