*”किताब’*
किताब
जीवन जीने की ललक जगाती,
पथ प्रदर्शक बन जाती।
अकेलापन की सच्ची साथी हमसफ़र जीवन यात्रा कराती।
कलम की नोंक पर सीधी चलकर
शब्दों का भंडार भर जाती।
कथा ,कहानी ,गजल ,कविताओं में डूब कर चिंतन मनन कराती।
ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में बढ़कर नये सृजन चमत्कार दिखलाती।
रामायण ,भागवत गीता, उपनिषद अनेक ग्रन्थों में मार्गदर्शन कराती।
अमूल्य किताबें ज्ञान बांट हर सवाल का जवाब दे जाती।
अंतर्मन में ज्ञान की ज्योति जलाकर अज्ञान को दूर भगाती।
जीवन में नए अनुभवों से सत्य की राह पर चलना सिखलाती।
आने वाली हरेक पीढ़ियों को ज्ञान मार्ग से जीवन आधार बना जाती।
सफल प्रसिद्धि सफलता का आधार नव निर्माण करा जाती।
कल आज व आने वाले बरसों तक ज्ञान से अमूल्य भंडार भर जाती।
किताबी ज्ञान कभी खत्म ना हो जीवन सार्थक बना जाती।
सच्चे अर्थों में दोस्त सहेली की तरह से हर वक्त हमें सम्हालती।
घर बैठे हुए ही दूर तलक यात्राओं के दर्शन का लाभ कराती जाती।
किताबी ज्ञान हासिल कर प्रेरणा दे जीवन सफल बना जाती।
गर्वित होकर मन ये कहता कि गहन अध्ययन चिंतन मनन से अंतर्मन को जगा जाती।
गूढ़ रहस्यों का पता बताकर व्यक्तित्व को सुघड़ सुंदर बनाती।
किताब एक पहेली सुखद सहेली बन दुनिया के तजुर्बे बतलाती।
शशिकला व्यास ✍️
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विश्व पुस्तक दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं