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19 Aug 2024 · 1 min read

कितनी सारी खुशियाँ हैं

कितनी सारी खुशियाँ हैं
कितना सारा प्यार
सिमटा हुआ है
भाई बहन का
धागों में संसार
है कलाई का आग्रह
बहना की मनुहार
बहना की है राखी में
छिपा भाई का प्यार
रंग बिरंगे धागों का
ये है पावन त्यौहार
कच्चे धागों में पक्का है
भाई बहन का प्यार
प्यार ही मज़हब
इस धागे का
इसमें जीत न हार
भाई से अपनी ज़िद मनवाना
बहना का अधिकार
अपने भाई की खुशियाँ चाहे
बहना सौ सौ बार
राखी के इक धागे ने
बाँध लिया संसार

सुशील सरना

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