कितनी सारी खुशियाँ हैं
कितनी सारी खुशियाँ हैं
कितना सारा प्यार
सिमटा हुआ है
भाई बहन का
धागों में संसार
है कलाई का आग्रह
बहना की मनुहार
बहना की है राखी में
छिपा भाई का प्यार
रंग बिरंगे धागों का
ये है पावन त्यौहार
कच्चे धागों में पक्का है
भाई बहन का प्यार
प्यार ही मज़हब
इस धागे का
इसमें जीत न हार
भाई से अपनी ज़िद मनवाना
बहना का अधिकार
अपने भाई की खुशियाँ चाहे
बहना सौ सौ बार
राखी के इक धागे ने
बाँध लिया संसार
सुशील सरना