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13 Jan 2023 · 1 min read

कितना मुश्किल है

ज़ब्त की बुलंदी को मुस्कुरा के छू लेना ।
कितना मुश्किल है ज़िंदगी को ज़िंदगी देना ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
11 Likes · 231 Views
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