काश तेरी निगाह में
काश तेरी निगाह में मेरा घर बन गया होता,
बार-बार आने-जाने का सिलसिला,फिर थम गया होता।
काश तेरी निगाह में———–।
दुःख के बादल जब-जब घिर आते,
बन के बारिश गम मेरा तब
धुल गया होता।
काश तेरी निगाह में———-।
ये खेल भी गजब का है ,
चोट लगती उधर है और दर्द होता इधर है,
दर्द-ए-दिल दवा का काम कर गया होता ।
काश तेरी निगाह में———-।
हे खुदा जीने को क्या प्यार जरूरी है?
जब सांसें पल भर को दे दी,
फिर अब बिसात विछाना,
क्या तेरी मजबूरी है?
दिल में बसा के,नजरों में छुपा के,
राह मेरी आसान कर गया होता,
काश तेरी निगाह में “माही”मेरा भी घर बन गया होता।
लेख राज