Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jul 2021 · 1 min read

काश कोई पेड़ होता

मैं इंसान की बज़ाय
काश कोई पेड़ होता..
न लिख पाता …
भले ही कविताएं प्रकृति पर
लेकिन मुझे सुकूँ होता
कि तमाम लिखने वालों को
मैं हवा दे पा रहा हूँ
मेरे ख़याल से इससे अच्छा
मेरे लिए कुछ नहीं हो सकता।।

Brijpal Singh

Language: Hindi
1 Like · 435 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सोने को जमीं,ओढ़ने को आसमान रखिए
सोने को जमीं,ओढ़ने को आसमान रखिए
Anil Mishra Prahari
- फुर्सत -
- फुर्सत -
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
राखी सांवन्त
राखी सांवन्त
DR ARUN KUMAR SHASTRI
💐प्रेम कौतुक-498💐
💐प्रेम कौतुक-498💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Nothing you love is lost. Not really. Things, people—they al
Nothing you love is lost. Not really. Things, people—they al
पूर्वार्थ
बोलो क्या कहना है बोलो !!
बोलो क्या कहना है बोलो !!
Ramswaroop Dinkar
2353.पूर्णिका
2353.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
उमेश शुक्ल के हाइकु
उमेश शुक्ल के हाइकु
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
जीवन में मोह माया का अपना रंग है।
जीवन में मोह माया का अपना रंग है।
Neeraj Agarwal
बहुत उम्मीदें थीं अपनी, मेरा कोई साथ दे देगा !
बहुत उम्मीदें थीं अपनी, मेरा कोई साथ दे देगा !
DrLakshman Jha Parimal
दिल से ….
दिल से ….
Rekha Drolia
जानते वो भी हैं...!!
जानते वो भी हैं...!!
Kanchan Khanna
कृषक की उपज
कृषक की उपज
Praveen Sain
मन मूरख बहुत सतावै
मन मूरख बहुत सतावै
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रिश्ता
रिश्ता
Dr fauzia Naseem shad
इक नयी दुनिया दारी तय कर दे
इक नयी दुनिया दारी तय कर दे
सिद्धार्थ गोरखपुरी
प्यार में ना जाने क्या-क्या होता है ?
प्यार में ना जाने क्या-क्या होता है ?
Buddha Prakash
*****गणेश आये*****
*****गणेश आये*****
Kavita Chouhan
रंगों में भी
रंगों में भी
हिमांशु Kulshrestha
"नवाखानी"
Dr. Kishan tandon kranti
// जनक छन्द //
// जनक छन्द //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दिन सुखद सुहाने आएंगे...
दिन सुखद सुहाने आएंगे...
डॉ.सीमा अग्रवाल
हर एक चेहरा निहारता
हर एक चेहरा निहारता
goutam shaw
कलयुगी धृतराष्ट्र
कलयुगी धृतराष्ट्र
Dr Parveen Thakur
राह हूं या राही हूं या मंजिल हूं राहों की
राह हूं या राही हूं या मंजिल हूं राहों की
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
#जयहिंद
#जयहिंद
Rashmi Ranjan
साधना
साधना
Vandna Thakur
अन्नदाता,तू परेशान क्यों है...?
अन्नदाता,तू परेशान क्यों है...?
मनोज कर्ण
"कला आत्मा की भाषा है।"
*Author प्रणय प्रभात*
क्या आप उन्हीं में से एक हैं
क्या आप उन्हीं में से एक हैं
ruby kumari
Loading...