कारवां गुजर गया फ़िज़ाओं का,
कारवां गुजर गया फ़िज़ाओं का,
तेवर है बदल गया हवाओं का।
अब तो बहारें खिजां सी बन गयी,
हो गयी शाम उनके हुस्न की अदाओं का।
सतीश सृजन
कारवां गुजर गया फ़िज़ाओं का,
तेवर है बदल गया हवाओं का।
अब तो बहारें खिजां सी बन गयी,
हो गयी शाम उनके हुस्न की अदाओं का।
सतीश सृजन