कारगिल फतह का २३वां वर्ष
(विश्व का सबसे ऊंचाई पर लड़ा गया युद्ध)
एक अच्छे पड़ोसी की तरह माननीय अटल जी
लाहौर में शांति समझौता कर रहे थे
वहीं धोखेबाज पाकिस्तान जनरल मुशर्रफ कारगिल की साजिश रच रहे थे
कारगिल दुनिया की सबसे ऊंची चोटियों पर
लड़ा जाने वाला युद्ध मैदान था
हमारी शराफत का दिया यह इनाम था
दुश्मन ने कारगिल की चोटियों पर कब्जा जमा लिया था
इरादा लेह लद्दाख को घाटी से काटने का था
हमारा सुरक्षा कवच तोड़ने का था
दुश्मन ऊपर था और हम नीचे
वह हमें देख रहा था, हम अबूझ थे
लेकिन हमारे वीरों ने दुश्मन को मार भगाया था
दुश्मन घुटनों पर आया था
कई देशों के जरिए शांति प्रस्ताव लाया था
इतना शातिर ये धूर्त अपने सैनिकों के
शव तक लेने न आया था
बड़ी बहादुरी से जवानों ने
कारगिल पर विजय पताका फहराई थी
२२ वर्ष पहले दुश्मन ने अपने मुंह की खाई थी
कारगिल में शहीद हुए, हम नमन शहीदों को करते हैं
श्री चरणों में श्रद्धा के दो फूल समर्पित करते हैं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी