कातिब हूं मैं यारो (चार पंक्ति)
शब्दों को कलम की निब से पिरो दिया है।
जय जवान जय किसान लिख दिया है।
कातिब हूं मैं यारो इस लिए धनुष की जगह
कलम को तीर समझ के खींच दिया है।
©® प्रेमयाद कुमार नवीन
जिला – महासमुन्द (छःग)
शब्दों को कलम की निब से पिरो दिया है।
जय जवान जय किसान लिख दिया है।
कातिब हूं मैं यारो इस लिए धनुष की जगह
कलम को तीर समझ के खींच दिया है।
©® प्रेमयाद कुमार नवीन
जिला – महासमुन्द (छःग)