” ——————————————– कांटों पे लेटे हैं ” !!
फौज यहां लड़ती है , नेता श्रेय लेते हैं !
शीश जहां झुकना हो , मुंह को फेर लेते हैं !!
विरोधी विरोध करे , मूंछें तानें सरकारें !
सर्जिकल स्ट्राइक को , हम सलाम देते हैं !!
फूलों से नाज़ुक नहीं , खेलते अंगारों से !
सीने पे खा गोलियां , जान यों ही देते हैं !!
दूध माँ का दौड़े है , रक्त सा शिराओं में !
आन की ही खातिर तो , प्राण लुटा देते हैं !!
सुहागन का सिंदूर है , कलाई की राखी है !
मादरे वतन के लिए , कांटों पे लेटे हैं !!
तिरंगा इन्हें प्यारा , सदा ये नमन करते !
अंतिम बिदाई भी ये , तिरंगे में लेते हैं !!
बृज व्यास