Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Apr 2018 · 1 min read

क़त्ल होंगे तमाम नज़रों से…

क़त्ल होंगे तमाम नज़रों से
ग़र पिलाया यूँ जाम नज़रों से।

लब थे खामोश जिसके मुद्दत से
लिख दिया उसने नाम नज़रों से।

सुर्ख आँखों में थी हया उनके
क्यूँ लगाया है दाम नज़रों से।

उसने मय को गलत बताया है
जिसकी महकी है शाम नज़रों से।

खौफ़ होता है जिसका लोगों को
खींच लेता लगाम नजरों से।

ख़ाक में मिल गया मुहब्बत में
ये मिला है इनाम नज़रों से।

ख़ुद को हाकिम समझ लिया कैसे
लग रहे हो गुलाम नज़रों से।

ग़र निगाहें टिकी हों मंजिल पर
तो मिलेंगे मुकाम नज़रों से।

जाते जाते क़बूल कर भी लो
आप मेरा सलाम नज़रों से।

पंकज शर्मा “परिंदा”

1 Like · 257 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जब कोई हाथ और साथ दोनों छोड़ देता है
जब कोई हाथ और साथ दोनों छोड़ देता है
Ranjeet kumar patre
तुम
तुम
Sangeeta Beniwal
आकाश के सितारों के साथ हैं
आकाश के सितारों के साथ हैं
Neeraj Agarwal
सावन भादो
सावन भादो
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"नजरें मिली तो"
Dr. Kishan tandon kranti
वरदान है बेटी💐
वरदान है बेटी💐
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
* खूब कीजिए प्यार *
* खूब कीजिए प्यार *
surenderpal vaidya
2818. *पूर्णिका*
2818. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मर्यादापुरुषोतम श्री राम
मर्यादापुरुषोतम श्री राम
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
कोई खुशबू
कोई खुशबू
Surinder blackpen
शून्य से अनन्त
शून्य से अनन्त
The_dk_poetry
याद करने के लिए बस यारियां रह जाएंगी।
याद करने के लिए बस यारियां रह जाएंगी।
सत्य कुमार प्रेमी
कहते हैं तुम्हें ही जीने का सलीका नहीं है,
कहते हैं तुम्हें ही जीने का सलीका नहीं है,
manjula chauhan
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
उसने मुझे बिहारी ऐसे कहा,
उसने मुझे बिहारी ऐसे कहा,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
“जहां गलती ना हो, वहाँ झुको मत
“जहां गलती ना हो, वहाँ झुको मत
शेखर सिंह
करवा चौथ@)
करवा चौथ@)
Vindhya Prakash Mishra
*ओ मच्छर ओ मक्खी कब, छोड़ोगे जान हमारी【 हास्य गीत】*
*ओ मच्छर ओ मक्खी कब, छोड़ोगे जान हमारी【 हास्य गीत】*
Ravi Prakash
♥️
♥️
Vandna thakur
स्वतंत्रता का अनजाना स्वाद
स्वतंत्रता का अनजाना स्वाद
Mamta Singh Devaa
एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती,
एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती,
प्रेमदास वसु सुरेखा
*आओ बच्चों सीख सिखाऊँ*
*आओ बच्चों सीख सिखाऊँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पढ़ो लिखो आगे बढ़ो पढ़ना जरूर ।
पढ़ो लिखो आगे बढ़ो पढ़ना जरूर ।
Rajesh vyas
यूं ही नहीं हमने नज़र आपसे फेर ली हैं,
यूं ही नहीं हमने नज़र आपसे फेर ली हैं,
ओसमणी साहू 'ओश'
राजनीतिक यात्रा फैशन में है, इमेज बिल्डिंग और फाइव स्टार सुव
राजनीतिक यात्रा फैशन में है, इमेज बिल्डिंग और फाइव स्टार सुव
Sanjay ' शून्य'
जिंदगी में रंजो गम बेशुमार है
जिंदगी में रंजो गम बेशुमार है
Er. Sanjay Shrivastava
सुनो...
सुनो...
हिमांशु Kulshrestha
ज़िंदगी तेरी हद
ज़िंदगी तेरी हद
Dr fauzia Naseem shad
आत्मविश्वास ही हमें शीर्ष पर है पहुंचाती... (काव्य)
आत्मविश्वास ही हमें शीर्ष पर है पहुंचाती... (काव्य)
AMRESH KUMAR VERMA
■ शर्म भी शर्माएगी इस बेशर्मी पर।
■ शर्म भी शर्माएगी इस बेशर्मी पर।
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...