Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Apr 2022 · 1 min read

कहां जीवन है ?

जीने के सब सामान जुटे
पर इनमें कहीं न जीवन है ।
बीत रहे दिन काल चक्र संग
रुका हुआ पर मेरा मन है ।
नहीं कोई बाधा है पथ में
जीवन में सब सतत प्रवाह ।
कुछ तो सिमटा पर अन्तस में
मिलती है न जिसकी थाह। ।
खुशियां हैं कुछ छद्‌म वेश में
इस मन को हरषाने आयीं ।
मन भी है बच्चे सा जिद्‌दी
न इसे छद्‌मता छल पायी ।
ये जीवन प्रहसन जीने को
कितना भौतिक सामान जुटा ।
जग रीतों की इस वेदी पर
जीवन का सब आह्लाद लुटा ।
जब अभिनय का होता मंचन
सब देखें उसको भाव विह्वल ।
पर इस झूठे जग मंचन में
मन का अस्तित्व हो गया विकल ।
जीवन प्रत्याशा छिन्न हुई
बस सांसों का व्यापार बचा ।
उल्लास सरलता खोई सब
बस जीवन में अभिनय ही बचा ।

Language: Hindi
1 Like · 394 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Saraswati Bajpai
View all
You may also like:
.....★.....
.....★.....
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
रास्ते  की  ठोकरों  को  मील   का  पत्थर     बनाता    चल
रास्ते की ठोकरों को मील का पत्थर बनाता चल
पूर्वार्थ
प्रथम शैलपुत्री
प्रथम शैलपुत्री
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
नमन!
नमन!
Shriyansh Gupta
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
बुद्ध को अपने याद करो ।
बुद्ध को अपने याद करो ।
Buddha Prakash
गीता जयंती
गीता जयंती
Satish Srijan
जब भी आया,बे- मौसम आया
जब भी आया,बे- मौसम आया
मनोज कुमार
एक चाय तो पी जाओ
एक चाय तो पी जाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बहुत ही हसीन तू है खूबसूरत
बहुत ही हसीन तू है खूबसूरत
gurudeenverma198
गरीबी तमाशा
गरीबी तमाशा
Dr fauzia Naseem shad
कल पर कोई काम न टालें
कल पर कोई काम न टालें
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मैं तो महज आईना हूँ
मैं तो महज आईना हूँ
VINOD CHAUHAN
तेरे शब्दों के हर गूंज से, जीवन ख़ुशबू देता है…
तेरे शब्दों के हर गूंज से, जीवन ख़ुशबू देता है…
Anand Kumar
शब्द : एक
शब्द : एक
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
न जाने क्या ज़माना चाहता है
न जाने क्या ज़माना चाहता है
Dr. Alpana Suhasini
चाय और सिगरेट
चाय और सिगरेट
आकाश महेशपुरी
" काले सफेद की कहानी "
Dr Meenu Poonia
कविता
कविता
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
सिर्फ तुम
सिर्फ तुम
Arti Bhadauria
ग़ज़ल/नज़्म - दिल में ये हलचलें और है शोर कैसा
ग़ज़ल/नज़्म - दिल में ये हलचलें और है शोर कैसा
अनिल कुमार
बेपर्दा लोगों में भी पर्दा होता है बिल्कुल वैसे ही, जैसे हया
बेपर्दा लोगों में भी पर्दा होता है बिल्कुल वैसे ही, जैसे हया
Sanjay ' शून्य'
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
खुदा ने तुम्हारी तकदीर बड़ी खूबसूरती से लिखी है,
खुदा ने तुम्हारी तकदीर बड़ी खूबसूरती से लिखी है,
Sukoon
"अहसास मरता नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
संस्कार का गहना
संस्कार का गहना
Sandeep Pande
हे पिता ! जबसे तुम चले गए ...( पिता दिवस पर विशेष)
हे पिता ! जबसे तुम चले गए ...( पिता दिवस पर विशेष)
ओनिका सेतिया 'अनु '
*अद्‌भुत है अनमोल देह, इसकी कीमत पह‌चानो(गीत)*
*अद्‌भुत है अनमोल देह, इसकी कीमत पह‌चानो(गीत)*
Ravi Prakash
#अपनाएं_ये_हथकंडे...
#अपनाएं_ये_हथकंडे...
*Author प्रणय प्रभात*
2946.*पूर्णिका*
2946.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...