Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Oct 2022 · 1 min read

कहते है ……दर्द नहीं होता

कहते हैं …… मर्द को दर्द नहीं होता
पर यह किसने देखा है |

मर्द अपना दर्द बयाँ नहीं करता, यही होता है |
बच्चा महंगे खिलौने की जिद करता है, औकात न होने पर भी खरीद देता है |

फिर वह महीने पर ओवर टाइम
करता है |
घर में कोई बीमार पड़ता है, मर्द अंदर अंदर रोता है |

पर उपर से सबको ‘कुछ नहीं होगा’ समझाता है, सामान्य रहने की कोशिश करता है |
बेटी की विदाई में पिता का कलेजा मुख को आ जाता है |

पर बेटी अपने घर जा रही है,
कहकर माँ को समझाता है |

बेटा दूर पढ़ने जाता, पापा का दिल रोता है |
पर अपने आँसुओं को छिपा
‘मन लगाकर पढ़ना’ बेटे से कहता है |

दिन रात मेहनत करता है, सबकी जरूरत पूरी करता है,
खुद दो जोड़ी कपड़े में ही काम चला लेता है |
पति जब चला जाये, पत्नी दहाड़ मार कर रोती है |

पत्नी जब चली जाये,
पति दिन भर शांत रहता है
रात भर रोता है, तकिये भिगोता है |

शिवकुमार बर्मन ✍️

1 Like · 125 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अरे ये कौन नेता हैं, न आना बात में इनकी।
अरे ये कौन नेता हैं, न आना बात में इनकी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
#अज्ञानी_की_कलम
#अज्ञानी_की_कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मिष्ठी के लिए सलाद
मिष्ठी के लिए सलाद
Manu Vashistha
बदलती फितरत
बदलती फितरत
Sûrëkhâ Rãthí
वक्त की जेबों को टटोलकर,
वक्त की जेबों को टटोलकर,
अनिल कुमार
3224.*पूर्णिका*
3224.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आकाश
आकाश
Dr. Kishan tandon kranti
अजब गजब
अजब गजब
साहिल
मैं तो इंसान हूँ ऐसा
मैं तो इंसान हूँ ऐसा
gurudeenverma198
ग्रंथ
ग्रंथ
Tarkeshwari 'sudhi'
जेठ कि भरी दोपहरी
जेठ कि भरी दोपहरी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अगर आप अपनी आवश्यकताओं को सीमित कर देते हैं,तो आप सम्पन्न है
अगर आप अपनी आवश्यकताओं को सीमित कर देते हैं,तो आप सम्पन्न है
Paras Nath Jha
हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
🍁मंच🍁
🍁मंच🍁
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
भय की आहट
भय की आहट
Buddha Prakash
हम भी जिंदगी भर उम्मीदों के साए में चलें,
हम भी जिंदगी भर उम्मीदों के साए में चलें,
manjula chauhan
मुक्तक
मुक्तक
Er.Navaneet R Shandily
*देश भक्ति देश प्रेम*
*देश भक्ति देश प्रेम*
Harminder Kaur
वो ख्यालों में भी दिल में उतर जाएगा।
वो ख्यालों में भी दिल में उतर जाएगा।
Phool gufran
चिंगारी बन लड़ा नहीं जो
चिंगारी बन लड़ा नहीं जो
AJAY AMITABH SUMAN
★ बचपन और बारिश...
★ बचपन और बारिश...
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-531💐
💐प्रेम कौतुक-531💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
अपनी नज़र में खुद
अपनी नज़र में खुद
Dr fauzia Naseem shad
युद्ध के विरुद्ध कुंडलिया
युद्ध के विरुद्ध कुंडलिया
Ravi Prakash
जो ले जाये उस पार दिल में ऐसी तमन्ना न रख
जो ले जाये उस पार दिल में ऐसी तमन्ना न रख
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
रार बढ़े तकरार हो,
रार बढ़े तकरार हो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
विश्वास
विश्वास
विजय कुमार अग्रवाल
ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रैन बसेरा
रैन बसेरा
Shekhar Chandra Mitra
विश्वास
विश्वास
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
Loading...