कशमकश
एक ख़लिश
-सी दिल में है!
शायर अब
बिस्मिल में है!!
यही नज़्म
यही ग़ज़ल
फिलहाल मेरे
हासिल में है!!
यह इश्क़ ही
मसीह में है
यह इश्क़ ही
क़ातिल में है!!
पहले ज़िंदगी
मुश्किल में थी
अब मौत भी
मुश्किल में है!!
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
(A Parody)