कविता
कितना
ज़रूरी है ना
जीवन में
किसी का होना,,
कितने
अकेले हैं न हम
किसी के बिना,,
कितना
सोचती हूँ न मैं
बेकार, बेवजह!!
कितना
ज़रूरी है ना
जीवन में
किसी का होना,,
कितने
अकेले हैं न हम
किसी के बिना,,
कितना
सोचती हूँ न मैं
बेकार, बेवजह!!