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13 Apr 2024 · 1 min read

कविता

कितना
ज़रूरी है ना
जीवन में
किसी का होना,,

कितने
अकेले हैं न हम
किसी के बिना,,

कितना
सोचती हूँ न मैं
बेकार, बेवजह!!

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