कविता
????मेरा प्यारा वतन????
फहराता हे केसरिया तिरंगा,
अपनी पूरी शान से।
देश को आजादी मिली,
वीर शहीदों के बलिदान से।।
मातृभूमि की रक्षा को,
पहरा देते हैं दिन रात।
विश्व शांति मय देश हो,
मन में रहती है ये बात।।
सब धर्मों के लौग हे रहते,
जो आपस में मिलकर रहते।
एकता की माला में सब बंधे,
तब वसुधैव कुटुंबकम् है कहते।।
गांधी, नेहरू, सुभाष, विवेकानंद की,
है ये पावन धरती।
गंगा,यमुना, सरस्वती नदियां,
विचरण जहां हैं करती।।
ऐसा प्यारा मेरा वतन,
हिंदुस्तान हमारा।
हे!मेरे देश के प्रहरियों,
तुमसे दुश्मन है हारा।।
स्वरचित
सुषमा सिंह ”उर्मि,,