कविता
बेटियां
खुशी का पर्याय होती है बेटियां
जीवन का अहसास होती है बेटियां
खिलौनो में टूटती,
समाज से लड़ती,
घर का श्रंगार होती है बेटियां..
बिन बोले सब कह जाती है बेटियां
एक दिन आँसू बन..
नदी सी बह जाती है बेटियां
पंकज शर्मा
झालावाड़(राज.)