कल का क्या भरोसा
कल का क्या भरोसा
जीवन में आए न आए
आज जीवन है
कल साथ छोड़ जाए
मृत्यु शैया पर जाने से पहले
पूरी सजगता से जी लूं
जीवन का अमृत भरपूर पी लूं
पल पल का आनंद ले लूं
निभा लूं कर्तव्य वक्त रहते
संबंध प्रेम रिश्ते
निभा सकूं जीवन रहते रहते
कल का क्या भरोसा
कल आए ना आए
इच्छाएं कर्तव्य अधूरे न रह जाएं
कि अफसोस मृत्यु शैया पर पड़े पड़े सताए
इसलिए मैं कल के भरोसे नहीं
काम आज ही करना चाहता हूं
आज ही मिलना चाहता हूं
कल पछतावा हो
जीवन ऐसा नहीं चाहता हूं
जिंदगी आज ही भरपूर जीना चाहता हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी