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3 Jul 2024 · 1 min read

कल एक नज़र जिंदगी पर डाली तो

कल एक नज़र जिंदगी पर डाली तो
गीत गा रही थी वो।

लुक्का छुपी खेलकर मुझसे बहुत
ज्यादा मुस्कुरा रही थी वो।

जाने कितने दिनों के बाद सुकून की नींद आई थी मुझे,
मेरी झुल्फें सहलाकर मुझे सुला रही थी वो।

हम दोनों क्यों नाखुश हैं एक दूसरे से,
बस यही समझा रही थी वो।

मैंने सोचा कि इतना दर्द देती है ये, फिर
समझ आया कि जिंदगी है, सबक सिखाती है वो।

अभी तो हमने जीना ही शुरू किया था,
इतनी जल्दी हमसे दूर जा रही है वो।

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