करेजा फाटल जाता
सपना काहे के देखवलु
दिलवा काहे के लगवलु
हमसे तोड़के जातारु तु नाता
ए करेजा-करेजा फाटल जाता
काहेला सितम देहलु हमरा तु दिल के
कवन गलती कईनी तोहरा से मिल के
हमसे भईल कवन खाता
ए करेजा-करेजा फाटल जाता
दिलवा लगवले बाडु एगो गरीब से
काहे छोड़ी जात बाडु एतना करीब से
अंखियां से आंसू ना रोकाता
ए करेजा-करेजा फाटल जाता
लगन, कन्हैया के जात बाडु ढिली
अईसन प्यार तोहके कहिना मिली
दिलवा के दरद ना सहाता
ए करेजा-करेजा फाटल जाता
गीत – जय लगन कुमार हैप्पी ⛳