करीब आने नहीं देता
करीब आने नहीं देता मुझे
दूर जाने से भी डरता है !
यह कैसा महबूब है यार
कैसी मोहब्बत करता है !!
✍कवि दीपक सरल
करीब आने नहीं देता मुझे
दूर जाने से भी डरता है !
यह कैसा महबूब है यार
कैसी मोहब्बत करता है !!
✍कवि दीपक सरल