करतल पर सबका लिखा ,सब भविष्य या भूत (कुंडलिया)
करतल पर सबका लिखा ,सब भविष्य या भूत (कुंडलिया)
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करतल पर सबका लिखा ,सब भविष्य या भूत
छिपा हुआ क्या भाग्य में ,मिलना किसे अकूत
मिलना किसे अकूत , अजब रेखाएँ गातीं
सौ वर्षों का चित्र ,खींच कर रख-रख जातीं
कहते रवि कविराय ,लिखा जीवन का हर पल
छोटा – सा यह क्षेत्र , देह का अद्भुत करतल
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करतल = हाथ की हथेली
अकूत = जिसको आँका न जा सके
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451