*कभी मन भीग जाता है, नयन गीला नहीं होता (मुक्तक)*
कभी मन भीग जाता है, नयन गीला नहीं होता (मुक्तक)
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हमेशा जिंदगी का अर्थ, चमकीला नहीं होता
कभी बादल घिरे होते हैं, नभ नीला नहीं होता
हृदय में ऑंसुओं को रोक कर रखना भी पड़ता है
कभी मन भीग जाता है, नयन गीला नहीं होता
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451