Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2023 · 1 min read

कभी भी ग़म के अँधेरों से तुम नहीं डरना

कभी भी ग़म के अँधेरों से तुम नहीं डरना
हमेशा उम्र की गागर को प्यार से भरना
खयाल बस रहे छूटे जमीं न पैरों से
गगन को छूने की हसरत को कम नहीं करना

डॉ अर्चना गुप्ता

2 Likes · 151 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
मन की गांठ
मन की गांठ
Sangeeta Beniwal
मैं 🦾गौरव हूं देश 🇮🇳🇮🇳🇮🇳का
मैं 🦾गौरव हूं देश 🇮🇳🇮🇳🇮🇳का
डॉ० रोहित कौशिक
प्रार्थना
प्रार्थना
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
"हकीकत"
Dr. Kishan tandon kranti
#drarunkumarshastri
#drarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
6) “जय श्री राम”
6) “जय श्री राम”
Sapna Arora
2517.पूर्णिका
2517.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
आयेगी मौत जब
आयेगी मौत जब
Dr fauzia Naseem shad
हम कुर्वतों में कब तक दिल बहलाते
हम कुर्वतों में कब तक दिल बहलाते
AmanTv Editor In Chief
परवरिश
परवरिश
Dr. Pradeep Kumar Sharma
इंसान चाहे कितना ही आम हो..!!
इंसान चाहे कितना ही आम हो..!!
शेखर सिंह
अनमोल
अनमोल
Neeraj Agarwal
#प्रभात_वंदन
#प्रभात_वंदन
*Author प्रणय प्रभात*
मेरे हैं बस दो ख़ुदा
मेरे हैं बस दो ख़ुदा
The_dk_poetry
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
Shyam Sundar Subramanian
लक्ष्य
लक्ष्य
लक्ष्मी सिंह
पीड़ित करती न तलवार की धार उतनी जितनी शब्द की कटुता कर जाती
पीड़ित करती न तलवार की धार उतनी जितनी शब्द की कटुता कर जाती
Sukoon
कैसे यह अनुबंध हैं, कैसे यह संबंध ।
कैसे यह अनुबंध हैं, कैसे यह संबंध ।
sushil sarna
"धूप-छाँव" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
लाल रंग मेरे खून का,तेरे वंश में बहता है
लाल रंग मेरे खून का,तेरे वंश में बहता है
Pramila sultan
वसंत
वसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तौबा ! कैसा यह रिवाज
तौबा ! कैसा यह रिवाज
ओनिका सेतिया 'अनु '
कोरोना और पानी
कोरोना और पानी
Suryakant Dwivedi
" नयी दुनियाँ "
DrLakshman Jha Parimal
समय देकर तो देखो
समय देकर तो देखो
Shriyansh Gupta
कन्यादान
कन्यादान
Mukesh Kumar Sonkar
चंद अशआर -ग़ज़ल
चंद अशआर -ग़ज़ल
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-146 के चयनित दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-146 के चयनित दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
पिनाक धनु को तोड़ कर,
पिनाक धनु को तोड़ कर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
चार दिन गायब होकर देख लीजिए,
चार दिन गायब होकर देख लीजिए,
पूर्वार्थ
Loading...