कभी पथभ्रमित न हो,
कभी पथभ्रमित न हो,
पथर्भिष्टी को देखकर।
जग चलायें न चलो,
ईश इशारा देखकर।।
धर्म को धारण करो,
कुपथ मार्गी न हो।
ध्रुव तारे की तरह,
पुष्प अर्पित हो देखकर।।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झांसी बुन्देलखण्ड