कभी न करना शादी
बिनती मेरी आपसे है कभी न करना शादी
अगर चाहो स्वतंत्र जीना,और चाहो आज़ादी
शादी के होते घर में रोज ही होय लड़ाई
कोट कचहरी घूम घूम के साडी उम्र बिताई
कुछ ही दिनों में हो जाती है घर की तो बर्वादी ….
जितनी तनख्वा आती घर में एक दिना में जाती
और महीने भर उधारी की दिक्कत सदा सताती
पत्नी को चाहिए बनारसी सदी ऊँची हिल की चप्पल
स्नो पावडर तेल लिपिस्टक ,जैव में न हो डव्वल
बच्चो को जीन्स पहनाओ खुद पहनोगे खादी
बिनती ….
शादी के होते ही भैया फिरोगे मारे मारे
इसलिए दादा अटल विहारी रहे आजीवन कुँआरे
कवी राज़ की बिनती सुन लो कवी न करना शादी ….