Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Oct 2022 · 1 min read

*कब मन के पीछे कहो पड़ोगे (गीत)*

कब मन के पीछे कहो पड़ोगे (गीत)
________________________
घर का पेंट हुआ, कब मन के पीछे कहो पड़ोगे
(1)
वर्षाऋतु लो गई छोड़, घर में मकड़ी के जाले
दीवारों पर दीख रहे, कुछ धब्बे काले-काले
रेगमाल से रगड़ीं दीवारें, मन कब रगड़ोगे
( 2)
हुई सफेदी घर की शोभा, निखर-निखर कर आई
कोना-कोना चमक उठा, होकर हर ओर पुताई
मन को करने साफ, कहो कूॅंची को कब पकड़ोगे
(3)
नश्वर है जग नाशवान, होती मनुष्य की काया
सभी भूमि का स्वामी ईश्वर, सब उसकी ही माया
बुरे कर्म से पहले, लज्जा से कब कहो गड़ोगे
घर का पेंट हुआ, कब मन के पीछे कहो पड़ोगे
—————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उ.प्र..) मोबाइल.999761551

Language: Hindi
Tag: गीत
162 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
पत्नी (दोहावली)
पत्नी (दोहावली)
Subhash Singhai
*नियति*
*नियति*
Harminder Kaur
23/95.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/95.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
धुन
धुन
Sangeeta Beniwal
राह पर चलते चलते घटित हो गई एक अनहोनी, थम गए कदम,
राह पर चलते चलते घटित हो गई एक अनहोनी, थम गए कदम,
Sukoon
*** शुक्रगुजार हूँ ***
*** शुक्रगुजार हूँ ***
Chunnu Lal Gupta
"हर रास्ते में फूलों से ना होगा सामना
कवि दीपक बवेजा
"चाहत का सफर"
Dr. Kishan tandon kranti
सर्द मौसम में तेरी गुनगुनी याद
सर्द मौसम में तेरी गुनगुनी याद
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मुझको कबतक रोकोगे
मुझको कबतक रोकोगे
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
शायरी
शायरी
श्याम सिंह बिष्ट
आस
आस
Shyam Sundar Subramanian
पापा की बिटिया
पापा की बिटिया
Arti Bhadauria
रास्ते है बड़े उलझे-उलझे
रास्ते है बड़े उलझे-उलझे
Buddha Prakash
टमाटर तुझे भेजा है कोरियर से, टमाटर नही मेरा दिल है…
टमाटर तुझे भेजा है कोरियर से, टमाटर नही मेरा दिल है…
Anand Kumar
कोई काम हो तो बताना,पर जरूरत पर बहाना
कोई काम हो तो बताना,पर जरूरत पर बहाना
पूर्वार्थ
ग्रंथ
ग्रंथ
Tarkeshwari 'sudhi'
National Energy Conservation Day
National Energy Conservation Day
Tushar Jagawat
आज ही का वो दिन था....
आज ही का वो दिन था....
Srishty Bansal
सवाल~
सवाल~
दिनेश एल० "जैहिंद"
గురు శిష్యుల బంధము
గురు శిష్యుల బంధము
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
■ यादगार लम्हे
■ यादगार लम्हे
*Author प्रणय प्रभात*
मेरा स्वप्नलोक
मेरा स्वप्नलोक
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
*अजीब आदमी*
*अजीब आदमी*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गरीबी और लाचारी
गरीबी और लाचारी
Mukesh Kumar Sonkar
कहॉं दीखती अब वह मस्ती, बचपन वाली होली जी (गीत)
कहॉं दीखती अब वह मस्ती, बचपन वाली होली जी (गीत)
Ravi Prakash
तड़के जब आँखें खुलीं, उपजा एक विचार।
तड़के जब आँखें खुलीं, उपजा एक विचार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मैने नहीं बुलाए
मैने नहीं बुलाए
Dr. Meenakshi Sharma
वेतन की चाहत लिए एक श्रमिक।
वेतन की चाहत लिए एक श्रमिक।
Rj Anand Prajapati
Loading...