कबीर की शायरी
बहरों का कलाम है कबीर की शायरी!
गूंगों की ज़ुबान है कबीर की शायरी!!
तख्त और ताज की साज़िश के ख़िलाफ़
हक़ का ऐलान है कबीर की शायरी!!
बहरों का कलाम है कबीर की शायरी!
गूंगों की ज़ुबान है कबीर की शायरी!!
तख्त और ताज की साज़िश के ख़िलाफ़
हक़ का ऐलान है कबीर की शायरी!!