कबीरा खड़ा बाज़ार में…
पोथी-पतरा
छोड़ दअ साथी!
एइसे जली ना
अकिल के बाती!!
लगन-मुहूरत
छोड़ दअ साथी
एइसे टली ना
काल के घाती!!
करम करअ
आपन करम करअ
इहे हउवे
सांचा धरम करअ
ओझा-सोखा
छोड़ दअ साथी!
उनसे बदली ना
कबो दिन-राती!!
(अप्प दीपो भव)
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra