“कबड्डी”
“कबड्डी”
कबड्डी की तो बात निराली
हर खेल से न्यारा,
जज्बा जगाते ग़ज़ब के यारों
बच्चों को लगता प्यारा।
गली मोहल्लों में खेलते दिखते
बच्चों की कई टोलियाँ,
पकड़ो वापस जाने ना दो उसे
फाउल पॉइंट कई बोलियाँ।
“कबड्डी”
कबड्डी की तो बात निराली
हर खेल से न्यारा,
जज्बा जगाते ग़ज़ब के यारों
बच्चों को लगता प्यारा।
गली मोहल्लों में खेलते दिखते
बच्चों की कई टोलियाँ,
पकड़ो वापस जाने ना दो उसे
फाउल पॉइंट कई बोलियाँ।