Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Aug 2022 · 1 min read

कजरी

आके सावन में गले से लगाइ ल पिया,
जिया हर्षाइ द पिया ना।

सूरज के झाँकल, तनिको ना सहाला,
मँहगी चुनरिया, खरीदल ना जाला…….2
तनि पपिहा के कूक सुनाइ द पिया,
जिया……………………………..

सिर पर बदरिया, आ आ के लजाले,
लाजवन्ती सुरतिया, देख भागि जाले….2
बनि सरस मेघ जल, बरसाइ द पिया,
जिया……………………………..

दिलवा के झुलुवा, हिलोढा माचवे,
कमी आम पेड़ बिन,नाही सोहवे…….2
तनि आके हमके गोद में झुलाइ द पिया,
जिया……………………………….

सखिया सलेहरि अब कम्मे भेंटाली,
बहुते पिया किनले में जरि जाली..……2
हमहुँ बेटी हईं केहु के, सजाइ द पिया,
जिया……………………………….

धनवा किसनवा के, पशु चरि जाला,
ओसे ना सोलहों,सिंगार किनाला……..2
अजी आके तनि, झुमका गढ़ाइ द पिया,
जिया………………………………..

आके सावन में गले से लगाइ ल पिया,
जिया हर्षाइ द पिया ना।

————————————-
अशोक शर्मा,कुशीनगर,उ.प्र.

Language: Bhojpuri
317 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पर्यावरण संरक्षण*
पर्यावरण संरक्षण*
Madhu Shah
*मृत्युलोक में देह काल ने, कुतर-कुतर कर खाई (गीत)*
*मृत्युलोक में देह काल ने, कुतर-कुतर कर खाई (गीत)*
Ravi Prakash
विनम्र भाव सभी के लिए मन में सदैव हो,पर घनिष्ठता सीमित व्यक्
विनम्र भाव सभी के लिए मन में सदैव हो,पर घनिष्ठता सीमित व्यक्
Paras Nath Jha
"याद रखें"
Dr. Kishan tandon kranti
तितली और कॉकरोच
तितली और कॉकरोच
Bindesh kumar jha
*बदरी तन-मन बरस रही है*
*बदरी तन-मन बरस रही है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"भाभी की चूड़ियाँ"
Ekta chitrangini
सर्द हवाओं का मौसम
सर्द हवाओं का मौसम
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
*झूठा ही सही...*
*झूठा ही सही...*
नेताम आर सी
गुलदानों में आजकल,
गुलदानों में आजकल,
sushil sarna
मुखरित सभ्यता विस्मृत यादें 🙏
मुखरित सभ्यता विस्मृत यादें 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मेरी दुनियाँ.....
मेरी दुनियाँ.....
Naushaba Suriya
यू-टर्न
यू-टर्न
Shreedhar
तमाम बातें मेरी जो सुन के अगर ज़ियादा तू चुप रहेगा
तमाम बातें मेरी जो सुन के अगर ज़ियादा तू चुप रहेगा
Meenakshi Masoom
मतलबी ज़माना है.
मतलबी ज़माना है.
शेखर सिंह
कैसी होती हैं
कैसी होती हैं
Dr fauzia Naseem shad
3941.💐 *पूर्णिका* 💐
3941.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
संवाद
संवाद
surenderpal vaidya
पिया मोर बालक बनाम मिथिला समाज।
पिया मोर बालक बनाम मिथिला समाज।
Acharya Rama Nand Mandal
लिट्टी छोला
लिट्टी छोला
आकाश महेशपुरी
प्रतीक्षा में गुजरते प्रत्येक क्षण में मर जाते हैं ना जाने क
प्रतीक्षा में गुजरते प्रत्येक क्षण में मर जाते हैं ना जाने क
पूर्वार्थ
प्यासा के राम
प्यासा के राम
Vijay kumar Pandey
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
खाली सड़के सूना
खाली सड़के सूना
Mamta Rani
माँ
माँ
Raju Gajbhiye
" दिल गया है हाथ से "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
Dr. Man Mohan Krishna
लिखने जो बैठता हूँ
लिखने जो बैठता हूँ
हिमांशु Kulshrestha
धैर्य के बिना कभी शौर्य नही होता है।
धैर्य के बिना कभी शौर्य नही होता है।
Rj Anand Prajapati
Loading...