कजरी (वर्षा-गीत)
कवना दूर देश से आके
बदरा बरस गईल
तहरा एगो झलक खातिर
नयना तरस गईल…
(१)
फेर गूंजे लागल बगिया में
पीहू-पीहू के गीत
फेर गूंजे लागल बगिया में
कूहू-कूहू के गीत
एगो टीस उठल जियरा में
हियरा तड़प गईल…
(२)
घास-फूस पेड़-पौधा
सबकुछ हरा-भरा भईल
घास-फूस पेड़-पौधा
सबकुछ हरा-भरा भईल
एगो हूक उठल जियरा में
हियरा तड़प गईल…
(३)
नदी-नाला ताल-पोखरा
चारू ओर पानी भरल
नदी-नाला ताल-पोखरा
चारू ओर पानी भरल
एगो कसक उठल जियरा में
हियरा तड़प गईल…
(४)
सखी-सहेली झूला झूले
मस्ती में कजरी गावे
सखी-सहेली झूला झूले
मस्ती में कजरी गावे
एगो पीर उठल जियरा में
हियरा तड़प गईल…
(५)
याद आवे पहिला मुलाकात
बरखा में भईल जे बात
याद आवे पहिला मुलाकात
बरखा में भईल जे बात
एगो दरद उठल जियरा में
हियरा तड़प गईल…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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