*. और क्या चाहिए *
महफूज़ दिल के सिवा और क्या चाहिए
दिया दर्देदिल के सिवा और क्या चाहिए
नजरें इश्क से सराबोर और क्या चाहिए
गुफ़्तगू नम- नजरों से और क्या चाहिए
इश्क तुमसे है बेशुमार और क्या चाहिए
मुझसे ना कर इज़हार और क्या चाहिए
ख़ामोश रह कर प्यार और क्या चाहिए
मुहब्बत कर-कर वफ़ा और क्या चाहिए
मरतें सिरत-सूरत-दफ़ा और क्या चाहिए
देखले अक्स अपना ऐसा आईना चाहिए
बेवफ़ा हैं बावफ़ा हैं ऐसा रहनुमा चाहिए
महके स्वांसे खुशबू का अहसास चाहिए
और क्या चाहिए अहसासे-जहां चाहिए
चलती है बादे-नसीम और क्या चाहिए
करले अपने दिल से वफ़ा पहले सनम
गर सनम मुझसा बेवफ़ा-बावफ़ा चाहिए
लोग कहतें हैं मुझको चोर -चितचोर
और क्या चाहिए सनम हमसा चाहिए ?
?मधुप बैरागी