औरतें, क्यूं दलील देती हैं
औरतें, क्यूं दलील देती हैं
औरतें, क्यूं वक़ील बनती हैं
जुर्म वो ,जो कभी किया ही नहीं
ज़िंदगी भर उसी मुक़दमे में,,,
अपनी तारीख़ें ज़ाया करती हैं,
बेवजह ये लड़ाई लड़ती हैं।
औरतें, क्यूं दलील देती हैं
औरतें, क्यूं वक़ील बनती हैं
जुर्म वो ,जो कभी किया ही नहीं
ज़िंदगी भर उसी मुक़दमे में,,,
अपनी तारीख़ें ज़ाया करती हैं,
बेवजह ये लड़ाई लड़ती हैं।