ओस
ओस
गिरे बूंदों से
जो फूलों के ऊपर
रखती नमी
ओस की बूँद
देती सीख नयी हैं
जीवन भर
किरन अब
सूरज की पड़ती
ओज भरती
नये पल्लव
पल्लवित होती हैं
फूलों की सदा।।
®आकिब जावेद
ओस
गिरे बूंदों से
जो फूलों के ऊपर
रखती नमी
ओस की बूँद
देती सीख नयी हैं
जीवन भर
किरन अब
सूरज की पड़ती
ओज भरती
नये पल्लव
पल्लवित होती हैं
फूलों की सदा।।
®आकिब जावेद