Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Aug 2022 · 1 min read

ऐ मातृभूमि ! तुम्हें शत-शत नमन

ऐ मातृभूमि !
तुम्हें मेरा शत-शत बार नमन है।
तेरे दिए हुए संस्कारो से ही
आज यहाँ अमन है।
तुझसे बढ़कर हमारे लिए
कोई नही बड़ा धन है।
तू हमारे जीवन की
सबसे अनमोल रत्न है।
तेरे लिए ऐ मातृभूमि,
मेरा तन-मन-धन
सब सदा अर्पण है।
तेरे लिए मेरे खून का
एक-एक कतरा समर्पित है।
तेरे इस माटी ने कितने ही
वीरों को दिया जन्म है।
जिनकी वीरता की दुनियाँ
करती श्रद्धा से नमन है।
इस भूमि में जन्म लेकर
ईश्वर ने भी किया तेरा वंदन है।
जहाँ बार-बार ईश्वर भी आकर
देते जन-जन को दर्शन है।
जहाँ कण-कण में प्रेम बरसता है,
तू वह प्यारा चमन है।
जहाँ हर तरह के फूल हैं,
तू वह सुन्दर उपवन है।
सारी दुनिया किया भ्रमण ,
पर दिखा नही तेरे जैसा कोई,
तू वह प्यारा वतन है।
तू हम सब की जान है,
तू हम सब की मन है।
तेरे शुभ चरणों में करती हूँ मै
अर्पित श्रद्धा-सुमन है।
देखेगा अगर तुम्हारी तरफ
कोई भी बूरी नजर से,
मिटा देंगें उसका नामोनिशान,
यह हमारा वचन है।
तुझपर आँच नही आने देंगे ,
चाहे इसके लिए पहनना पड़े
हमें क्यों नहीं कफन है।
ऐ मातृभूमि!
तूझे मेरा बारम्बार नमन है।

अनामिका

Language: Hindi
Tag: गीत
7 Likes · 10 Comments · 597 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वतन के तराने
वतन के तराने
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
बेवफाई करके भी वह वफा की उम्मीद करते हैं
बेवफाई करके भी वह वफा की उम्मीद करते हैं
Anand Kumar
23/31.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/31.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रिश्ता ऐसा हो,
रिश्ता ऐसा हो,
लक्ष्मी सिंह
।।अथ सत्यनारायण व्रत कथा पंचम अध्याय।।
।।अथ सत्यनारायण व्रत कथा पंचम अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
फ़ितरत नहीं बदलनी थी ।
फ़ितरत नहीं बदलनी थी ।
Buddha Prakash
यदि मन में हो संकल्प अडिग
यदि मन में हो संकल्प अडिग
महेश चन्द्र त्रिपाठी
अफसोस-कविता
अफसोस-कविता
Shyam Pandey
ॐ
Prakash Chandra
राष्ट्र निर्माता गुरु
राष्ट्र निर्माता गुरु
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हैप्पी प्रॉमिस डे
हैप्पी प्रॉमिस डे
gurudeenverma198
गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा
Radhakishan R. Mundhra
माना की देशकाल, परिस्थितियाँ बदलेंगी,
माना की देशकाल, परिस्थितियाँ बदलेंगी,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
■ कविता-
■ कविता-
*Author प्रणय प्रभात*
जो लोग ये कहते हैं कि सारे काम सरकार नहीं कर सकती, कुछ कार्य
जो लोग ये कहते हैं कि सारे काम सरकार नहीं कर सकती, कुछ कार्य
Dr. Man Mohan Krishna
नन्ही परी चिया
नन्ही परी चिया
Dr Archana Gupta
गुलाब
गुलाब
Satyaveer vaishnav
तुम गंगा की अल्हड़ धारा
तुम गंगा की अल्हड़ धारा
Sahil Ahmad
सुप्रभात
सुप्रभात
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
आपने खो दिया अगर खुद को
आपने खो दिया अगर खुद को
Dr fauzia Naseem shad
"पानी-पूरी"
Dr. Kishan tandon kranti
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
* चान्दनी में मन *
* चान्दनी में मन *
surenderpal vaidya
🌺आलस्य🌺
🌺आलस्य🌺
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
आज के रिश्ते
आज के रिश्ते
पूर्वार्थ
कहना तुम ख़ुद से कि तुमसे बेहतर यहां तुम्हें कोई नहीं जानता,
कहना तुम ख़ुद से कि तुमसे बेहतर यहां तुम्हें कोई नहीं जानता,
Rekha khichi
रमेशराज के दो मुक्तक
रमेशराज के दो मुक्तक
कवि रमेशराज
झोली फैलाए शामों सहर
झोली फैलाए शामों सहर
नूरफातिमा खातून नूरी
*रावण का दुख 【कुंडलिया】*
*रावण का दुख 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
जीवन
जीवन
Bodhisatva kastooriya
Loading...