ऐ आसमान आज एक सीढ़ी
ऐ आसमान
आज एक सीढ़ी
आसमान से जमीन तक
उतरती हुई
लगाओ ना
मुझे अपने पास
मिलने के लिए
बुलाओ ना
जमीन से तुम्हें देखती हूं
हर रोज
मन सा नहीं लगता
दूरी है मेरे और तुम्हारे
दरमियान बहुत
कुछ बातचीत का सिलसिला नहीं
बनता
एक बार प्यार से बुलाओ तो
कुछ देर बैठकर तुम्हारे पास
वापिस चली आऊंगी
फिर से सीढ़ी लगाकर
जमीन पर उतार देना पर
एक बार जो अपने दिल में
बिठाना तो
फिर कभी मुझे दिल से बाहर
फेंककर न कहीं गिरा देना
मेरे निश्चल से
अबोध से
दिल से किये हुए प्रेम की
मुझे इतनी बड़ी न कभी सजा
देना।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001