ऐसा लगे जैसे ……
बारिश की कुछ बूँदे जो चेहरे को छुई हैं
ऐसा लगा जैसे
मुरझाये हुये पौधे में फिर से हलचल हुई है
अरमान जो दिलों में छुपा कर रखे थे
ऐसा लगा जैसे
मचलने की उनकी रुत आई है
साँस जो कब से अटकी हुई थी
ऐसा लगा जैसे
उसको भी अब साँस आई है
इतनी बरस जा पावस
ऐसा लगे जैसे
धरा की बाहों में समाई है