ए-दिल
मुझे समझ में नही आ रहा ki मै अपनी बात कहा se शुरू करू ! मुझे पता है ki प्यार के एहसास ko लिखकर बया नही किया ja सकता vo तो सिर्फ महसूस होता है. लेकिन fir भी मैं अपनी भावनाओ ko व्यक्त करने se खुद ko नही रोक पाया…✍️
शाम होते ही तेरी yaad चली आती हैं!
Na जाने क्यों tu मुझे आज भी तड़पाती हैं!!
Ho जाता हूँ दिल ke हाथो मजबूर!
Jab तेरी तस्वीर सामने आती हैं!!
Jab प्यार में बड़ी बड़ी कसमे खाने वाले log अपनी चंद खुशियों ki खातिर अपने चाहने वाले ko हर रोज Ignore करते हैं तो कितना दर्द होता हैं उनके सिवा कोई महसूस नहीं कर सकता..कभी टूटा नहीं मेरे दिल ?से तेरी याद का रिश्ता. . . .
गुफ्तुगू जिस se भी हो ख्याल तेरा ही रहता है…..
तुम्हे पता है तुम्हारे अंदर ek चीज के अलावा कुछ नही बदला तुम्हारी खूबसूरती ke , ??उसके अलावा tum उतनी ही शांत ,और vo तुम्हारी मुस्कुराहट जिसे देख kar मेरे चेहरे में अपने आप खुशी आ जाती थी
Ek पल जब tum मुस्कुराती थी तो ऐसा लगता था , ki तुम्हारी इस मुस्कुराहट ko मैं अपने होंठों se खैद कर लूं? । तुम्हे पता है मुझे तुम्हारी मलाई वाली वाली चाय ki बहुत याद आती है.. उस चाय ki आखिरी घूट ki तरह ही हो जिसे na तो ख़त्म करना अच्छा लगता हैं और na ही छोड़ना ??
But….
Ye यादे भी कितनी अजीब होती हैं!
कुछ खट्ठी तो कुछ मीठी fir भी दिल ke करीब होती हैं!!
पता नहीं मैंने ye सब क्यों लिखा par जो भी लिखा हैं शायद आज मैं खुश hu और ये सब उसी ka नतीजा हो??
लेकिन ek बात जरूर कहूँगा ye मुहब्बत भी बहुत हसीन होती हैं!!!!!
कुल मिला ke मुझ tu बहुत याद आ रही हैं। लेकिन मुझे अब तू ऐसे yaad नही आती जैसे पहले आती थी। केवल तू हुआ करती थी, कोई किस्सा ya कहानी नही थी, तुझसे जुड़ी हुई। Ab मुझे तेरे साथ बिताये लम्हे याद आते हैं। और उन लम्हो में hum दोनों का ek घर याद आता हैं। इन दिनों मुझे मेरा बिखरा हुआ sa कमरा भी काफी तरीके se याद आ रहा हैं…
..शायद कुछ दिन और लगेंगे, ज़ख़्मे-दिल ke भरने में,
Jo अक्सर याद आते थे vo कभी-कभी याद आते हैं।….
ऐसा मेरे साथ ही क्यों हुआ ?
सोचते हैं jab भी हम, ho जाती हैं आँखें नम?