“ ए.एम.सी वेटेरन्स की याद “
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
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लोग बदल जाते हैं सारे ,
तस्वीर बदलने लगती है !
बीती यादें हमको कानों ,
में गीत सुनाती रहती है !!
पुराने गीतों की धून से ,
पहचानी आवाजें आती हैं !
चेहरे से हम ना पहचाने ,
पर आवाजें बता देती हैं !!
गुजरे दिन को भूलें कैसे ,
ट्रैनींग को हम याद करें !
फ़ज़लू उस्ताद की कड़ी ,
आँखों को हम याद रखें !!
सुबह 3 बजे जागने का ,
हमसब को डर होता था !
फ़जलू के भय से सबको ,
डरकर ही रहना पड़ता था !!
आरआर से बीएमटी तक ,
सैन्य प्रशिक्षण करने लगे !
जज्बा देश की सेवा का ,
अपने हृदय में भरने लगे !!
फिर और प्रशिक्षण लेकर ,
हम जगहजगह पहुँच गये !
अपनी सेवाओं के बल पर ,
सब लोगों से मिलते गये !!
श्रेष्ठ मिले, समतुल्य मिले ,
कनिष्टों का योगदान मिला !
शिष्टाचार ,प्रेम ,अपनापान ,
सबलोगों का बरदान मिला !!
इन बीते दिनों की यादें हैं ,
लोगके रूप बदलते रहते हैं !
पर उनके साथ बिताए क्षण ,
शायद ही हम भूल पाते हैं !!
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डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
साउन्ड हेल्थ क्लिनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
भारत
28.02.2022.