एहसास…..
जब बात एहसास की आती है
दिल में एक हूक सी उठती है
ख्याल आता है उस वक्त का
पर रात गुजर चुकी होती है ।
हमने अपने जज़्बातों को छुपाया होता
उस तस्वीर का नजारा न दिखाया होता
अपनी कलम से शब्दों को ना सजाया होता है
तो आज अपना भी मंजर कुछ और होता ।
सपनों की दुनिया का न ख्याल आया होता
खयालों में ना उसका दीदार हुआ होता
मंजिलों की तरफ आज हमारा कदम होता
अपनी बेवकूफियां का ना हमें एहसास होता।
हरमिंदर कौर
अमरोहा( यूपी )
मौलिक रचना