Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Aug 2020 · 1 min read

एक ही तो है

एक याद ही तो है उसकी जो आ जाती हैं
बरना उसके मिले तो अरसे हो गए
एक बात ही तो हैं जो ध्यान आ जाती हैं
बरना उसके जैसे हजारों पास है
एक दिल ही तो है जो धड़कता है
बरना उसकी इतनी ओकात कहा हैं
एक चाहत ही तो है जो अपना मान लिया उसको
बरना यह हमारे rule लिस्ट में भी नहीं है

3 Likes · 270 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मौसम जब भी बहुत सर्द होता है
मौसम जब भी बहुत सर्द होता है
Ajay Mishra
*बोल*
*बोल*
Dushyant Kumar
जो चाकर हैं राम के
जो चाकर हैं राम के
महेश चन्द्र त्रिपाठी
దేవత స్వరూపం గో మాత
దేవత స్వరూపం గో మాత
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
प्यार इस कदर है तुमसे बतायें कैसें।
प्यार इस कदर है तुमसे बतायें कैसें।
Yogendra Chaturwedi
आत्मज्ञान
आत्मज्ञान
Shyam Sundar Subramanian
3192.*पूर्णिका*
3192.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"जिरह"
Dr. Kishan tandon kranti
किसी औरत से
किसी औरत से
Shekhar Chandra Mitra
मतदान करो मतदान करो
मतदान करो मतदान करो
Er. Sanjay Shrivastava
****** धनतेरस लक्ष्मी का उपहार ******
****** धनतेरस लक्ष्मी का उपहार ******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रूपेश को मिला
रूपेश को मिला "बेस्ट राईटर ऑफ द वीक सम्मान- 2023"
रुपेश कुमार
चुप रहना भी तो एक हल है।
चुप रहना भी तो एक हल है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
जब तक हयात हो
जब तक हयात हो
Dr fauzia Naseem shad
10. जिंदगी से इश्क कर
10. जिंदगी से इश्क कर
Rajeev Dutta
मेघ गोरे हुए साँवरे
मेघ गोरे हुए साँवरे
Dr Archana Gupta
Are you strong enough to cry?
Are you strong enough to cry?
पूर्वार्थ
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
बंटते हिन्दू बंटता देश
बंटते हिन्दू बंटता देश
विजय कुमार अग्रवाल
व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो जाये
व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो जाये
शेखर सिंह
*
*"शिव आराधना"*
Shashi kala vyas
■ मानवता से दानवता की ओर जाना काहे का विकास?₹
■ मानवता से दानवता की ओर जाना काहे का विकास?₹
*Author प्रणय प्रभात*
कभी कभी ये पलकें भी
कभी कभी ये पलकें भी
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Love yourself
Love yourself
आकांक्षा राय
जाड़ा
जाड़ा
नूरफातिमा खातून नूरी
Tum makhmal me palte ho ,
Tum makhmal me palte ho ,
Sakshi Tripathi
और कितना मुझे ज़िंदगी
और कितना मुझे ज़िंदगी
Shweta Soni
मानवता
मानवता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आया पर्व पुनीत....
आया पर्व पुनीत....
डॉ.सीमा अग्रवाल
तुम से सिर्फ इतनी- सी इंतजा है कि -
तुम से सिर्फ इतनी- सी इंतजा है कि -
लक्ष्मी सिंह
Loading...