एक सबक
तुम भयभीत न होना मेरे दोस्त
काली बादलों के छाने से,
आंधी-तूफानों की आहट से,
ये महज रोड़ें हैं रास्तों के
कदम जिन पर तुम्हें रखना हैं,
पीछे नहीं तुम हटना कभी
डटकर दुश्मनों का सामना करना हैं,
अंधेरों को चीरकर फिर से
रोशनी तुमको लाना है,
चिंगारी को आग बनाकर जोत
हिम्मत की यहाँ जलानी है,
टकरायेंगे हमसे जो उन्हें
फिरसे एक सबक सिखाना है ।